दिल्ली ब्यूरो(आवाज़-ए-हिन्द.इन)
यह जन संसद क्यों ?
यह जन संसद क्यों ?
हम जानते है कि आम जनता से सरोकार रखने वाले मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाने में जन आन्दोलनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। खास तौर पर गरीबों तथा हाशिए पर जिन्दगी गुजार रहे लोगों की आवाजें जन आन्दोलनों ने बखूबी उभारी है। आम गरीब लोगों के मुद्दों को देश के मुख्यधारा के मुद्दों में शामिल करवाने से लेकर जनहित में कई कानूनों को बनवाने तथा उन्हें लागू करवाने में जन आन्दोलनों ने लम्बा संघर्ष किया है। भारतीय लोकतन्त्र में जन आन्दोलनों की जनपक्षधरता सदैव ही महत्वपूर्ण रही है। और आज भी, जबकि हमारी संसद में जनता की मांगों से जुडे कई कानून अटके हुये है तथा निरन्तर हंगामें व शोर शराबे के कारण संसद में काम नहीं हो पा रहा है, ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यरत जनआन्दोलनों द्वारा जनता के मुद्दों को उठाने के लिये जनता की संसद ’’जन संसद’’ का आयोजन किया जा रहा है। चूंकि 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंतिम रूप देकर देश को संविधान दिया था। इसलिये इस ऐतिहासिक दिन से जन संसद की शुरूआत होगी। यह जन संसद 26 से 30 नवंबर तक चलेगी।
जनता का घोषणा पत्र: 2014 की तैयारी
इस जन संसद के दौरान संसद में लम्बित जनहित के मौजूदा विधेयकों की समीक्षा करना तथा उन पर आम लोगों की राय लेकर उनमें जरूरी बदलाव करते हुये उन्हें लागू कराने की मांग की जायेगी। जन संसद में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर देश के जन आन्दोलनों की ओर से एक जनता का घोषणा पत्र भी तैयार किया जायेगा ताकि जनता के बुनियादी मुद्दे आगामी लोकसभा चुनाव के मुद्दे बन सकें।
लोकतंत्र की पुनः प्राप्ति
हम यह भी महसूस करते है कि राज्य की ओर से जनता के दमन का खतरा बढ़ता जा रहा है नागरिकों के लोकतान्त्रिक अधिकारों को लगातार सीमित किया जा रहा है तथा देश में विरोध प्रकट करने तथा अपनी असहमति को अभिव्यक्त करने के अवसर और स्थान घट रहे हैं। जनता के मुद्दों पर संघर्ष करने वाले लोगों को जेलों में ठूंसा जा रहा है,ऐसे विकट समय में इस जन संसद का व्यापक उद्देश्य हमारे लोकतन्त्र की पुनप्र्राप्ति और संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना करना भी है।
आपसे निवेदन
जन संसद में देश भर से 700 लोग शिरकत करेगें। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर राय रखने के लिये विभिन्न जनसंघर्षो के अगुवाओं, विषय विशेषज्ञों तथा राजनीतिक दलों के नेताओं, पूर्व न्यायाधीशो व जाने माने विचारकों को आमन्त्रित किया गया है।
आप सभी से अनुरोध है कि जनतन्त्र में जनता के मुद्दों को प्रभावी बनाने तथा संवैधानिक लोकतन्त्र की पुनः प्राप्ति के लिये ’जन संसद’ में भागीदारी करें।
कार्यक्रम इस प्रकार है -
26 नवम्बर 2012 - जनसंसद की शुरूआत, प्रातः 10 बजे मावलंकर हॉल में होगी। शाम को 6 बजे असगर अली इन्जीनियर व रोमिला थापर मावलंकर हॉल में व्याख्यान देगें तथा सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी।
27 नवम्बर 2012 - शासन के मुद्दे (पारदर्शिता जवाबदेही और भ्रष्टाचार का विरोध) विषय पर प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर पर जन संसद विचार विमर्श करेगी। शाम को 6 बजे शिव विश्वनाथन का मावलंकर हॉल में व्याख्यान होगा तथा सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी।
28 नवम्बर 2012 - सामाजिक सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़े मुद्दों पर जन संसद में प्रातः 10 बजे से जंतर मंतर पर विचार विमर्श शाम 6 बजे बाल भवन में जावेद अख्तर का व्याख्यान एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी।
29 नवम्बर 2012 - जमीन, कृषि और प्राकृतिक संसाधनों पर प्रातः 10 बजे से जन ससंद शाम 6 बजे प्रभात पटनायक का बाल भवन व्याख्यान तथा सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी।
30 नवम्बर 2012 - जेण्डर और भेदभाव मुद्दों पर जंतर मंतर पर प्रातः 10 बजे से जन संसद, शाम को 6बजे जस्टिस जे.एस.वर्मा एवं सिद्धार्थ वरदराजन तथा मृणाल पाण्डे का व्याख्यान एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति बाल भवन में होगी।
आप सबसे अनुरोध है कि कृपया जनसंसद में शिरकत करने जरूर पहुंचे।
जनसंसद 2012 के आयोजक एवं सह आयोजक
अनहद, अमन बिरादरी, ऑल इंडिया मजदूर किसान संघर्ष समिति, ऑल इंडिया नेटवर्क फॅार सेक्स वर्कर्स, एलाइंस ऑफ इंडियन वेस्ट पिकर्स, एलाइंस फॅार सस्टेनेबल एण्ड हॅालिस्टिक एग्रीकल्चर (आषा), अल्टरनेटिव डवलपमेंट एण्ड रिसर्च सेन्टर, जयपुर, आशा परिवार, एसोसिएशन फॅार डेमोक्रेटिक रिफॅार्म, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, बिहार नरेगा वॅाच, सेन्टर फॅार एडवोकेसी रिसर्च, सेन्टर फॅार हेल्थ एण्ड रिसॅार्स मैनेजमेण्ट, कॅालिशन फॅार अ जीएम फ्री इण्डिया, डगर, ग्लोबल हूमन राइट्स कम्यूनिकेशन, ग्रीनपीस इण्डिया, एकता परिषद, हमाल पंचायत, इनक्लूसिव मीडिया फॅार चेन्ज, इण्डिया कम्यूनिटी एक्टिविस्ट नेटवर्क, जागोरी, जन जागरण शक्ति संगठन, झुग्गी झोपड़ी संघर्ष मोर्चा, जोष, कचरा कामगार यूनियन, भारत कागद कांच पत्र कामगार संगठन, खाना, खुदाई कामगार, मंजिल, महाराष्ट्र राज्य हमाल मापडी महामण्डल, पूणे, मजदूर किसान शक्ति संगठन, मिशन भारतीयम, मोलरनी वा घरेलू कामगार संगठन, नेशनल अलाइंश ऑफ मूवमेंट, नेशनल केंपेन कमेटी फॅार रूरल वर्कर्स, नेशनल केंपेन फॅार पीपुल्स राइट टू इनफोरमेशन, नेशनल केंपेन ऑन दलित हूमन राइट्स, नेषनल फेडरेशन फॅार इण्डिया वुमन, पारदर्षिता, पीपुल्स एक्षन फॅार इंम्पलोएमेंट गारंटी, पेंशन परिषद, भोजन का अधिकार अभियान, राजस्थान आदिवासी अधिकार मंच, राजस्थान मजदूर किसान यूनियन, राइट टू वाटर केंपेन, सूचना का अधिकार मंच, राजस्थान, संगत, सतर्क नागरिक संगठन, सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, वॅालियन्टरी फॅारम ऑफ एजुकेशन और वुमन वाइलेंश।
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