गुरुवार, 12 जून 2014

श्रमिकों के हित

Posted: 01 Jun 2012 08:07 AM PDT
श्रमिकों के हितों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए तत्‍पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
विशेष लेख                                                                                            * सुधीर तिवारी
     श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का व्‍यापक दायित्‍व श्रमिकों के हितों का संरक्षण और सुरक्षा करना है जिनमें समाज के गरीब, वंचित एवं शोषित तबका शामिल है।वैधानिक पहल
पिछले तीन वर्ष के दौरान निम्‍नलिखित कानूनों में संशोधन किए गए हैं :-
·        रोजगार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923
·        ग्रेच्‍युटि भुगतान अधिनियम, 1972
·        कर्मचारी राज्‍य बीमा अधिनियम, 1948
·        बागान श्रम अधिनियम, 1951
·        औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947
निम्‍नलिखित कानूनों में संशोधन के लिए विधेयक संसद में प्रस्‍तुत किए गए हैं:-
·        खान अधिनियम, 1952
·        श्रम कानून ( विशिष्‍ट स्‍थापनाओं को रिटर्न्‍स भरने और अनुरक्षण रजिस्‍टर से छूट) अधिनियम, 1988
·        अंतर-राज्‍य विस्‍थापित कामगार (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1979
प्रमुख पहल
राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना
·        यह योजना 30,000 रुपये तक कैशलेस लेनेदेन सुगम बनाने के लिए लाभार्थियों को स्‍मार्ट कार्ड जारी करने का प्रावधान करने पर बल देती है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना की कवरेज का विस्‍तार कर निर्माण श्रमिक, रेहड़ी विक्रेता, रेलवे कुली और विक्रेता, मनरेगा श्रमिक, घरेलू  श्रमिक और बीड़ी श्रमिक इसके दायरे में लाए गए हैं। 17 मई, 2012 तक 2 करोड़ 96 लाख कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
कर्मचारी भविष्‍यनिधि संगठन
·        कर्मचारी भवष्यिनिधि संगठन के कम्‍प्‍यूटरीकरण  की योजना लागू की गई है जिससे सदस्‍य वास्‍तविक समय के आधार पर “किसी भी समय कहीं भी“ अपने खाते और सेवाओं की पोर्टैबिलिटी हासिल करने में सक्षम हो सकेंगे।
कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम
·        कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने ईएसआई योजना के तहत सेवा उपलब्‍ध कराने में सुधार के लिए नई पहल शुरू की है। मार्च, 2012 के आखिर तक बीमित व्‍यक्तियों की संख्‍या एक करोड़ 55 लाख हो गई, जबकि लाभार्थियों की संख्‍या छह करोड़ दो लाख हो गई।
बाल मजदूरी
·        मंत्रालय के प्रयासों से देश में बाल मजदूरी के मामले कम हो रहे हैं। राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के आंकड़ों के अनुसार 2004-05 में बाल मजदूरों की संख्‍या 90 लाख 75 हजार थी, जो करीब 45 प्रतिशत घटकर 2009-10 में 49 लाख 84 हजार रह गई।
रोजगार और प्रशिक्षण
·        9,480 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों के नेटवर्क के जरिए व्‍यवसायिक प्रशिक्षण  उपलब्‍ध कराया जा रहा है, जहां करीब 13 लाख 38 हजार प्रशिक्षण सीटे उपलब्‍ध हैं। घरेलू संसाधनों से 100 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों के उन्‍नयन की योजना पूरी कर ली गई है। विश्‍व बैंक की सहायता से 400 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों तथा सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत 1396 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों के उन्‍नयन की योजना चलाई जा रही है।
·        कौशल विकास पहल योजना के तहत करीब 13 लाख 68 हजार लोगों को प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराया गया है तथा 10 लाख 22 हजार लोगों को प्रमाणित किया जा चुका है। कौशल विकास पहल की इस योजना ने मॉड्यूलर रोजगार योग्‍य कौशल ढांचा शामिल हैं।
·        देशभर में इस योजना के तहत 6951 व्‍यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं का पंजीकरण कराया गया है तथा 35 मूल्‍यांकन निकायों को पैनल में शामिल किया गया है।
·        कौशल विकास योजना के तहत 1500 नये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना तथा पांच हजार कौशल विकास केंद्रों की स्‍थापना की जा रही है।
·        वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में युवकों के‍ लिए कौशल विकास योजना, पूर्वोत्‍तर राज्‍यों तथा सिक्किम में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों में बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करने तथा देश में सभी रोजगार कार्यलय के आधुनिकीकरण का कार्य ई-गवर्नेंस योजना के तहत चलाया जा रहा है।
औद्योगिक संबंध
·        पिछले तीन वर्ष के दौरान मुख्‍य श्रम आयुक्‍त के कार्यालय के हस्‍तक्षेप से केंद्रीय परिपेक्ष में औद्योगिक संबंधों की स्थिति कुल मिलकार शांतिपूर्ण बनी रही।
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* उपनिदेशक (मीडिया एवं संचार), पसूका, नई दिल्‍ली  (PIB)
01-जून-2012 19:11 IST

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