शनिवार, 8 फ़रवरी 2014

आम चुनाव के बाद सत्ता कि चाबी फिर कांग्रेस के हाथ मे होगी



2014-02-06 10:25 AM को
रवि नाईक उवाच पर प्रकाशित

इस बार भी आम चूनाव के बाद सत्ता अप्रत्यक्ष रुप से कांग्रेस पास ही रहने जा रही है देश राजनितीक हालात यही बयान कर रहे है ।जीस तरह से जयललिता ने लेफ्ट के लिये प्रेम दिखाया है , जीस तरह से ममता ने पीएम कि कुर्सी के लिये दावा ठोका है उसने भाजपा की चुले हीला दी उपर से नितीश कुमार से दुरीयां अरविदं केजरीवाल का उदय।एसे कई कारण है जो मोदी को भी पीएम इन वेटिंग रखने के लिये पर्याप्त हे !अब भाजपा के थींक टेकं भी सोचने को विवश है कि बदलती परिस्थिति मे क्या रणनीति बनाई जाय ।

उधर विधानसभा चुनावो मे पिटने के बाद कांग्रेस ने रणनीति बदली है कांग्रेस के नेता भी मानने लगे है कि मनमोहनसिंह कि सरकार के खीलाफ देशभर वातावरण बन चूका है और दिल्ली कि सत्ता जनता सीधे-सीधे उसके हाथो मे नही सौपेगी । कांग्रेस राहुल के लिये पांच साल का इन्तजार भी नही करना चाहती है बस इसी सोच ने कांग्रेस का प्लान बी तैयार कर दिया ।कांग्रेस की तैयारियो को देखकरतो कम से कम यही कहा जासकता है ।एक ओर भाजपा अपने चुनावी अभीयान मे पुरी तरह जुट गई है , प्रादेशिक दल भी समर मे उतरने को तैयार दिख रहे है वही कांग्रेस अभी भी शांत मुद्रा मे नजर आरही है ।कांग्रेस मे करीब दो वर्ष पुर्व बनी चुनाव पुर्व गठबंधन समिती ने भी गठबंधन पर कोई विशेष प्रयास नही किये और नही चुनावी रैलीयां हो रही है ।राहुल खुद घोषणापत्र के लिये छोटे-छोटे समुहो से बात कर रहे है । 


एसे हालत मे कांग्रेस तीसरा मोर्चा को पुरा अवसर देगी, गैर भाजपा गैर कांग्रेस के नाम पर ही सही परंतु बहुत सारे महत्वाकांक्षी नेताओं की जमात एक साथ आजाये ।

चुनाव के बाद कांग्रेस, भाजपा के अलावा तीसरा मोर्चा भी शक्ति बनकर उभरे ।केन्द्र मे तीन बराबर कि ताकत कांग्रेस के लिये आदर्श स्थिति होगी । एसे हालत मे सत्ता की चाबी फिर कांग्रेस के हाथों मे होगी ।ये भाजपा नेता भी समझते है अब वे जनता मे संदेश दे रहे है कि भाजपा को छोड़कर किसी भी दल को वोट दिया मतलब अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को ही देने के बराबर है ।

लेखक/रचनाकार: पुष्पेंद्र आल्बे
मोबाइल: 098269 10022 पढ़ाई में अव्वल, खूब कीर्तिमान बनाएं, तोड़े, रसायन शास्त्र से स्नातकोत्तर भी किया, लेकिन युवावस्था में कदम रखने के साथ ही लग गया कि ग्यारह से पांच की सरकारी नौकरी करना अपने बस की बात नहीं। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के बचपन से ही प्रषंसक, सो क्रिकेट के ऊपर लिखना हमेषा ही दिल को भाया। क्रिकेट के साथ ही बॉलीवुड के क्लासिक दिग्गजों-संजीव कुमार, गुलजार साहब जैसो की फिल्में देख-देखकर इसकी भी समझ आ गई। दैनिक जागरण से टेªनी रिपोर्टर के तौर पर काम शुरू किया, फिर गृहनगर छोड़कर मप्र की व्यावसायिक राजधानी इन्दौर में किस्मत आजमाने आ गए। प्रिंट मीडिया से अलग हटकर कुछ करने की चाह हुई, तो खबर इंडिया की नींव रखी। कुछ ही समय में खबर इंडिया इंटरनेट बिरादरी की कुछेक चुनिंदा पोर्टलों में शामिल हो गई है....लेकिन यह तो बस शुरूआत भर है....अभी आगे बहूत दूर जाना है....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें