स्वतंत्रता दिवस के इस पावन त्यौहार पर हमें कुछ लिंक मिले हैं। इन लिंकस में दो ऐसी तस्वीरें हैं जो इंसान की बराबरी पर सवाल खड़ा करती हैं। कुछ इसे लोगों के बारे में बताती हैं जिहें अभी पूजा पाठ की स्वतन्त्रता नहीं मिली। क्या सचमुच छूयाछात अभी जारी है ?
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इन् तस्वीरों की पोस्टिंग 4 दिसम्बर 2011 को हुई थी। क्या अब वहां कुछ बदला है।.....ये तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका। स्वतन्त्रता दिवस के इस एतिहासिक दिवस पर आओ आज संकल्प लें की इंसान को बराबरी का हक दिलाने के लिए इस वर्ष कुछ और ठोस कदम उठाए जायेंगे।--रेक्टर कथूरिय!
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