प्रमोद जोशी
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
गुरुवार, 10 जुलाई, 2014 को 17:54 IST तक के समाचार
भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार का पहला बजट कमोबेश सकारात्मक रहा.
हालांकि सरकार ने रक्षा और बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत से 49 प्रतिशत करने के सिवाय अन्य कोई बड़े नीतिगत फ़ैसले नहीं किए.
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सरकार ने आम करदाताओं को थोड़ी राहत ज़रूर दी है. वहीं युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने पर भी सरकार का ज़ोर रहा.
चुनावी वादे के अनुरूप सरकार ने गंगा की सफ़ाई के लिए भी अच्छा ख़ासा बजट आबंटित किया है.
पढ़िए प्रमोद जोशी का विश्लेषण विस्तार से
मोदी सरकार ने अपने उस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है, जिसकी घोषणा संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की थी.
लगातार दो साल से पाँच फीसदी के नीचे चली गई अर्थव्यवस्था को इस साल पाँच फीसदी के ऊपर जाने का मौका मिलने जा रहा है.
वित्त मंत्री का यह बजट भाषण सामान्य भाषणों से ज्यादा लंबा था और इसमें सपनों की बातें हैं.
सरकार को अभी यह बताना होगा कि वह राजस्व प्राप्तियों के लक्ष्यों को किस प्रकार हासिल करेगी.
उससे बड़ी चुनौती है कि वह जीडीपी की तुलना में राजकोषीय घाटे को 4.1 प्रतिशत के भीतर कैसे रखेगी, जिसे वह खुद मुश्किल काम मानती है.
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