मंगलवार, 26 अगस्त 2014

Girl Child A Curse

लड़की : इक अभिशाप 


घर में आई एक खुशहाली 
घर की दुल्हन हुई पेट से 
घर में थे सभी जन खुश 
घर में आएगा एक बच्चा 
खेलेंगे सभी साथ में उसके 
घर भर गया खिलौनों से 
चाचा खुश मामा खुश 
दादा और दादी भी थे खुश
बुआ बाँट रही मिठाई थी  
पापा बनने का अहसास 
था बड़ा ही प्यारा उनको 
उसी समय गिरी इक बिजली 
किसी ने दी इक राय ऐसी 
करा लो गर्भ निरिक्षण 
दादा ने कहा पापा ने भी 
दादी तो अड़ गईं इस पर
बुआ ने तो मारी लात थी 
फिर ले कर जाया गया 
दुल्हन को क्लिनिक 
दे कर पैसा क्लिनिक को 
हुआ जाँच गर्भ का वहां 
रिपोर्ट देख सभी यूँ हुए चुप 
जैसे सबको मार गया लकवा 
गर्भ में थी लड़की पलती हुई 
लेकिन निकल गया था समय 
दुल्हन के गर्भ को गिराने का 
कितना भी दिया पैसे का लालच 
लेकिन था जान का खतरा 
फिर कुछ समय बाद पैदा हुई 
बड़ी सुन्दर एक लड़की घर में 
घर में था मातम पसरा हुआ 
धीरे धीरे लड़की हुई बड़ी 
कोई ध्यान देता नहीं था उस पर 
खुद ही तैयार हो जाती स्कुल थी 
8 साल में चूल्हे की मिली जिम्मेदारी 
बच्ची की आँखे हुई लाल आंसू से 
लेकिन फिक्र थी किसको वहां 
लड़की हुई बड़ी लड़ कर गई कॉलेज 
सड़क पर करते थे परेसान सभी 
अचानक एक दिन हुआ कुछ भयानक 
लड़की को उठा ले गए सड़क के लोग 
किया उसका बलात्कार सबने मिल कर 
फेंक गए उसको बिच सड़क पर 
काली रात थी वो बहुत ही सर्द 
लड़की के घर पर गिरी बिजली फिर 
पुलिस ने कर दिया मना केस लिखने से 
जब दिया दबाव जवाब मिला लाठी 
रोते बिलखते हुए परिजन घूमते रहे 
पुलिस वहां खड़ी पैसे गिन रही थी 
जो लिए उसने बलात्कारियों से थे 
अब पीड़ित लड़की थी बिस्तर पर 
बलात्कारी भी तो थे बिस्तर पर ही 
फर्क सिर्फ इतना था दोनों बिस्तरों में 
लड़की थी अस्पताल के बिस्तर पर 
बलात्कारी थे बलात्कार के बिस्तर पर 
दूसरी लड़की को बनाने शिकार अपना 
सरकार के कान पर थी रुई बंधी हुई 
आंख में था मिर्चा पड़ा हुआ उसके 
हाथ थे पीछे बंधे हुए उनके 
और बिता कुछ दिन ऐसे ही 
सारे अस्पताल में थीं बलात्कार 
से मर रही निरीह बच्चियां 
बलात्कारी फैले थे सड़कों पर 
अपने अगले शिकार को पाने 

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