नयी दिल्ली, 4 फरवरी: गहराते बिजली संकट का सामना कर रहे दिल्ली राज्य के लिए ग्रीनपीस इंडिया ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से विनयपूर्वक मांग की है कि वे डीइआरसी से बिजली शुल्क में बढ़ोतरी को वापस लेने को कहें और दिल्ली के आम आदमी पर बिजली लागत से निजात दिलाने के लिए अपने सरकार के सोलर विजन कार्ययोजना पर तेजी से काम करें।
ग्रीनपीस इंडिया के सीनियर कैंपेनर अभिषेक प्रताप ने बताया कि ‘सब्सिडी प्रदान करने की नीति नाकाम सिद्ध हुयी है, इसके परिणामस्वरूप दिल्ली के कई इलाकों में इलेक्ट्रिसिटी आउटएज की खबरें आती रही हैं। हालाँकि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीइआरसी) ने बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) के दबाव में कैग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के पहले ही बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी, ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा डिस्कॉम्स के लाइसेंस रद्द करने की धमकी बेमानी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को होशियारी से काम लेना चाहिए और तुरन्त अपने चुनावी घोषणापत्र को अमली जामा पहनाने के लिए नीतिगत कदमों की घोषणा करनी चाहिए, जिसके तहत दिल्ली में बिजली जरूरतों का 20 फीसदी सौर बिजली से आने वायदा किया गया है।’
दिल्ली ‘कैग की ऑडिट रिपोर्ट के जाहिर होने के बावजूद बिजली टैरिफ में वृद्धि नहीं थमेगी और न ही बिजली कटौती खत्म होगी, जब तक कि बिजली के उत्पादन व वितरण को विविधीकृत नहीं किया जाता और दिल्ली को रूफटॉप सोलर जैसे नये व संभावनाशील तरीकों से आत्मनिर्भर नहीं बनाया जाता.’
डीइआरसी द्वारा टैरिफ में 6-8 प्रतिशत की वृद्धि से दिल्लीवासियों को जोरदार झटका लगा है और वे ब्लैकआउट के मुहाने पर हैं, क्योंकि केंद्रीय विद्युत आपूर्तिकर्ता एनटीपीसी ने बीएसइएस राजधानी और बीएसइएस यमुना जैसी डिफॉल्टिंग डिस्कॉम्स को केवल 10 दिनों के डेडलाइन देने की रजामंदी दी है, ताकि वे अपने बकाया का भुगतान कर सकें।
श्री अभिषेक प्रताप ने आगे बताया कि ‘बीते सप्ताह में घोषित टैरिफ दर में वृद्धि के अनुसार दिल्ली में औसतन एक परिवार को अब अपने समूचे बिल पर 8 फीसदी अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। करीब 2 से 3 केडब्ल्यू क्षमता के औसतन एक सोलर रूफटॉप से माहवार 350-650 यूनिट बिजली पैदा होगी, जिससे करीब 3000 रुपये की बचत या कमाई एक परिवार को होगी। इस प्रकार इस्तेमाल के आधार पर देखा जाये तो यह सीधे 30 फीसदी तक की बचत करा सकती है, साथ ही परिवार को बिजली कटौती के अलावा डिस्कॉम्स द्वारा शुल्क वृद्धि की धमकी से निजात भी मिल सकती है।’
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित करने के लिए इनसेंटिव और सब्सिडी देने का वायदा किया था और आगामी 2022 में2 दिल्ली की बिजली जरूरतों का 20 प्रतिशत सौर ऊर्जा से पूरा करने की बात कही थी। ग्रीनपीस ने बीते 3 जनवरी को इसी प्रकार का एक पत्र दिल्ली सरकार को लिखा था और मांग की थी कि वह सोलर एनर्जी के अपने वायदे पर काम शुरू करे। अभिषेक प्रताप ने कहा कि ‘हम अब भी उनके जवाब के इतंजार में हैं। यह देखना वाकई दुर्भाग्यजनक है कि नयी सरकार ने अब तक राजधानी में गहराते बिजली संकट से निबटने के समाधान के लिए इसे प्राथमिकता नहीं दी है।’
नोट्स/संदर्भ:
ग्रीनपीस द्वारा दिनांक 3 जनवरी और 3 फरवरी 2014 को दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया पत्र
- Letter to ArvindKejriwal, Delhi CM, Dated Jan 3rd 2014.
- Letter to ArvindKejriwal, Delhi CM, Dated 3rd Feb 2014.
आम आदमी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में सौर ऊर्जा से जुड़ी चर्चा/वायदा
- दिल्ली में बिजली संकट परिदृश्य और सौर ऊर्जा के मुकाबले बिजली शुल्क में वृद्धि के तुलनात्मक विवरण के लिए नीचे दिये गये वेबलिंक को देखें: http://www.greenpeace.org/india/en/Press/Roll-back-tariff-hikes-and-fulfill-poll-promise-on-solar-energy-Greenpeace-tells-Kejriwal/
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