शहीद की माँ का होता अपमान
शहीद हेमराज जी की अनसनरत माँ को मिल रही चिकित्सकीय सुविधा
Medical Facility of Martyr Hemraj's Mother
इस माँ का क़ुसूर क्या सिर्फ इतना है की इसने अपने बेटे शहीद हेमराज के शरीर पर खद्दर नहीं बल्कि बिन सर के शरीर पर तिरंगा डाला। अपने बेटे के तन पर सफ़ेद कुर्ता नहीं बल्कि भारत की शान सैनिक की वर्दी डाली। अपने बेटे को इस माँ ने मोम का या गरीबों के घर मे घुस कर उनके हिस्से की रोटी मुफ्त मे तोड़ने वाला नेता नहीं बल्कि आग मे तपा हुआ सच्चा भारत माँ का सपूत बनाया, क्या ये था इस माँ का क़ुसूर।
इस माँ का वीर बेटा कश्मीर मे पाकिस्तानी क्षद्म शत्रुओं से घिरने के बाद भी भागा नहीं ताकि इस पावन धरती पर और जन्म देने वाली कोख पर कोई लांक्षन ना लगे। ये वीर बेटा उनसे लड़ा और इसमे अपना सर कटा दिया लेकिन सर को झुकाया नहीं।
पर इतने के बाद इस शहीद के परिवार को क्या मिल रहा है।
सरकार से उपेक्षा.......सरकार की जबर्दस्ती अनसन तुड़वाने हेतु
ये सब तो एक बार चल भी जाता परंतु आप उपरोक्त चित्र को देख अंदाजा लगाएँ की शहीद की वीर माँ जो अपने बेटे के जाने का गम तो झेल ही रही है साथ ही प्रशासन के प्रति जो रोष है उसको अपने अनसन से जाहीर करना चाहती है, उस माँ को स्वास्थ्य सुविधा तक नहीं दी जा रही है।
जमीन जो खुद मे धूल-धूसरित है, वहाँ लेटी माँ को ग्लूकोज चढ़ाने के लिए एक स्टैंड तक नहीं मिला सरकार और प्रशासन को, तो ग्लूकोज के बोतल को लकड़ी पर टांग दिया गया।
इसके पहले अनसनरत परिवार को केंद्र और प्रदेश सरकार ने डरा-धमका कर अनसन तुड़वा दिया था और अब ऐसी उपेक्षा। पहले अनसन तुड़वाने मे कहा की सरकार से मिल रही मदद राशि रोक दी जाएगी और तुम्हें जेल मे डाला जाएगा वो अलग।
अब इन नेताओं का तो पेट ही पलता है सैनिकों के शहीद होने पर तो ऐसे मे वो कैसे कुछ कह सकते हैं क्यूंकी शहीद होने के बाद तो सैनिक इनके काम के रह नहीं जाते हैं।
परंतु ऐसे मे हमारे देश के थल-सेनाध्यक्ष कहाँ हैं ? उनका कोई बयान तक क्यूँ नहीं है ? क्या हमारे थल-सेनाध्यक्ष रिश्तेदारी निभा रहे हैं चुप रह कर ? या पाकिस्तान को मंद-मोहनी के अंदाज मे विरोध दर्ज कराएंगे ?
वैसे शहीदों के साथ ये बर्ताव हमारे देश मे नया नहीं है। हमारे देश के कर्णधार नेता इतने महान हैं की इस निंदनीय घटना से भी बड़े और कई उदाहरण विद्यमान हैं। जैसे की शहीद उधम सिंह जी के पोते आज क्या काम कर रहे हैं वो आप नीचे दी हुई फोटो मे देख सकते हैं। कुछ समय पहले ही तात्या टोपे की वर्तमान पीढ़ी कानपुर मे चाय की दुकान चला कर अपनी जीविका चलाते हुए मिलीं। शाहिदे आजम भगत सिंह जी का परिवार कहाँ है और क्या कर रहा है आज ये हसायद ही किसी को पता हो। चन्द्र शेखर आजाद जी के बाद तो उनकी पीढ़ी का कोई सुना ही नहीं गया। सुभाष चन्द्र बोस के बारे मे मिले तथ्य को हमारे मौजूदा राष्ट्रपति जी ने ही अपने तशरीफ के टोकरे के नीचे दबा लिया था। अब देखते हैं इस शहीद के परिवार के साथ हमारे स्व-घोषित एक मात्र राष्ट्रभक्त नेता क्या करते हैं।
वैसे नेता से एक बाद याद आया की हमारे नवोदित नेता और अपनी पार्टी के सर्वेसर्वा केजरीवाल जी कहाँ हैं। इस मुद्दे पर केजरीवाल जी का कोई वक्तव्य नहीं आया।
बहुत हो गई ये नाते-रिश्तेदारी अब सिर्फ देश के प्रति ज़िम्मेदारी ! ! !
मैं सामान्य राष्ट्रवादी जनता से ये आग्रह करना चाहूँगा की आप आगे बढ़ इस महान परिवार की यथा संभव मदद करें। कुछ नहीं कर सकते हैं तो इस परिवार के दर्द को बांटें।
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