बुधवार, 2 अप्रैल 2014

देश को आज नीतियों के विकल्प की जरूरत है, दलों या नेताओं के विकल्प की नहीं- अखिलेन्द्र

Posted by: Amalendu Upadhyaya March 31, 2014 in Uncategorized Leave a comment

लखनऊ 31 मार्च। देश को आज नीतियों के विकल्प की जरूरत है, दलों या नेताओं के विकल्प की नहीं। क्योंकि उन जन विरोधी नीतियों पर कांग्रेस, भाजपा व सपा, बसपा जैसे क्षेत्रीय दलों में आज आम राय है जिन्होंने देश को गहरे आर्थिक संकटमहाघोटालोंमहंगाईबेरोजगारी तथा असुरक्षा के माहौल में धकेल दिया है। इसलिये आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने जनता से अपील की है कि इस चुनाव को जन मुद्दों और नीतियों पर जनमत संग्रह में तब्दील कर दें और इनके लिये लड़ने वाले प्रत्याशियों को चुनें ताकि संसद में उन विनाशकारी नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध की आवाज बुलन्द हो सके जिन्होंने देश को गहरे संकट में डाल दिया है और जनता का जीना मुहाल कर दिया है। आइपीएफ ऐसी तमाम प्रगतिशील, लोकतांत्रिक ताकतों व उम्मीदवारों का समर्थन करेगा।
आज यहाँ चरण होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह ऐलान करते हुये पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि आइपीएफ ने दो चुनिन्दा क्षेत्रों राबर्ट्सगंज और कैसरगंज में जनता के बीच इस सवाल पर रायशुमारी करवाई, हमने इन क्षेत्रों को इस लिये चुना कि राबर्टसगंज प्राकृतिक सम्पदा से सम्पन्न होने के बावजूद प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाका है, तो कैसरगंज इलाके को लम्बे समय से साम्प्रदायिक ताकतों की प्रयोगशाला बनाकर समृद्ध गन्ना बेल्ट होने के बावजूद उसे देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में तब्दील कर दिया गया है। लगभग 25-25 हजार मतदाताओं के बीच जनमत संग्रह में मिले व्यापक समर्थन के आधार पर हमने कैसरगंज क्षेत्र से लोकतांत्रिक आंदोलन तथा अल्पसंख्यक अधिकारों की जानी मानी शख्सियत प्रो0 निहालुद्दीन अहमद तथा राबर्ट्सगंज क्षेत्र से पूर्व आई.जी. व लोकतांत्रिक व दलित आंदोलन के नेता एस.आर. दारापुरी को प्रत्याशी बनाने का फैसला किया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), मुस्लिम संगठन समेत तमाम लोकतांत्रिक ताकतें हमारा समर्थन कर रही है।
पत्रकार वार्ता में उपस्थित प्रो0 निहालुद्दीन अहमद ने बताया कि कानून का राज न होने से बदहाली के दौर से गुजर रहे मुसलिम नौजवानों ने अपनी मेहनत से जो तालीम हासिल की और विभिन्न पेशों में पहुँचे हैं, आतंकवाद से निपटने के नाम पर उनसे जिस तरह केन्द्र व राज्य सरकारें बरताव कर रहीं है वह संविधान की मूल लोकतांत्रिक भावना के विरूद्ध है। ढेर सारे युवा जिन्हें आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार किया गया बाद में वे न्यायालयों से पूरी तरह बरी हो गये लेकिन उनके जिन्दगी के अहम वर्ष जेलों में बीत गये और उनके पुनर्वास की भी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुयी। गोधरा और मुजफ्फरनगर जैसे कांड के बाद लोग बेबस होकर राहत कैम्पों में रहने को मजबूर हो गये और इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान में लिया।
हमारा दृढ़मत है कि फास्ट कोर्ट जैसी न्यायिक प्रक्रिया चलाई जाय और आतंकवाद के नाम पर जो लोग गिरफ्तार हुये हैं उनके मुकदमे की सुनवाई करके शीघ्र फैसला लिया जाय। इसके लिये कानूनी प्रक्रिया में जो भी संशोधन करना जरूरी हो उसे तत्काल किया जाय ताकि निर्दोश लोग रिहा हो सकें और उनकी जिन्दगी को बचाया जा सके। दोषी अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाय ताकि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों का विश्वास बना रहे। हमारा मानना है कि मुसलमानों को खलनायक बनाकर दरअसल किसानों की खेती-बाड़ी और उनकी जिन्दगी को बरबाद किया जा रहा है और यह भारत वर्ष में उसी नीति के क्रियान्वयन का हिस्सा है जिसे यूरोप ने 1920-30 के दशक में देखा है।
श्री निहालुद्दीन ने कहा कि अखिलेश सरकार ने निमेश आयोग पर आज तक एक्शन टेकेन रिपोर्ट भी पेश नहीं किया।उन्होंने कहा कि आरक्षण देने मे धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। धारा 341 के तहत दलित मुसलमानों व ईसाइयों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए।
चुनाव में जिन जन मुद्दो और वैकल्पिक नीतियों को हम अपना ऐजण्डा बना रहे है उन्हें लेकर जून 2013 में प्रदेश विधान सभा के सामने तथा फरवरी 2014 में संसद के अन्तिम सत्र में जंतर-मंतर पर पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने दस-दस दिन का उपवास किया था जिसे लोकतांत्रिक ताकतों का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ था। हम इस लड़ाई को संसद के अन्दर व बाहर आगे  बढ़ाने के लिये कृतसंकल्प हैं। यह जन एजेण्डा हम जनता के सामने पेश कर रहे हैं।
 पत्रकार वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य लाल बहादुर सिंह तथा राज्य प्रवक्ता सलाहुद्दीन खाँ भी उपस्थित थे।

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