गुरुवार, 12 जून 2014

सोचते ही रह जाओगे.........

2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में कंपनियों ने कितना मुनाफा कमाया है हम आप सिर्फ सोचते ही रह सकते हैं-


1. यूनिटेक: पलभर में चार हजार करोड़ का फायदा 

1661 करोड़ में लाइसेंस ख़रीदा। लगे hath 60 प्रतिशत हिस्सेदारी 6200 करोड़ रुपये में नार्वे की टेलीनार को बेच दिया। यानी चंद मिनटों में ४५३९ करोड़ का फायदा उठाया। कंपनी की कीमत बढ़कर १०,३३३ करोड़ हो गयी।

2. टा
टा : हाथोंहाथ 11 हजार करोड़ का मुनाफा कमाया 

1600 करोड़ में लाइसेंस लिया। 27.31 प्रतिशत हिस्सेदारी जापानी कंपनी डोकोमो को 12,924 करोड़ में बेच दी। यानी बिना कुछ किये 11324 करोड़ का फायदा। कंपनी की कीमत भी बढ़कर 47,866 करोड़ रुपये हो गयी।

3. स्वान
: यू.ए.ई कंपनी से साढ़े सात हजार करोड़ कमाए

1,537 करोड़ रुपये में लाइसेंस ख़रीदा। 45 प्रतिशत हिस्सा यू.ए.ई की एस्तिलात को 9,000 करोड़ में बेच दिया। इस तरह 7,463 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। स्वान (आरकाम) की कीमत 20 हजार करोड़ रुपये हुई।

4. श्याम : 27 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर करोडो कमा लिये

1,626.32 करोड़ में लाइसेंस ख़रीदा। रूसी कंपनी सिस्टेमा को 10 प्रतिशत हिस्सेदारी 450 करोड़ में बेच दी। बाद में 17.14 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिये 2,699 करोड़ रुपये चुकाए। अब कंपनी पर सिस्टेमा का ही वर्चस्व है

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. रिलायंस: स्वान का साथ लेकर हथियाया लाइसेंस 

स्वान पहले रिलायंस अनिल धीरुभाई अम्बानी समूह का हिस्सा थी। बाद में डीबी रियल्टी हावी हो गयी। स्वान ने उन्ही लाइसेंस के लिये आवेदन जहाँ रिलायंस नहीं थी। लाइसेंस के लिये स्वान टेलीकॉम का इस्तेमाल किया।

6. लूप: 5 लाख की पूँजी को 8 करोड़ बताकर लाइसेंस लिये

लूप का पहले नाम शिपिंग स्टॉप डॉट काम था। मालिक एस्सार वाले रुइया थे। शेयर पूँजी पांच लाख थी, जबकि दिखाई 8 करोड़। एस्सार ने लाइसेंस हासिल करने के लिये इस कंपनी का इस्तेमाल किया।

यह कुछ उदहारण हैं, घोटाले में शामिल कंपनियों के इसके अतिरिक्त 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कई स्तरों पर घोटाले हुए हैं। क्या आप भी इतना कमा सकते हैं ? नहीं तो सोचते रह जाओगे

सुमन

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