नई दिल्ली। आतंकी संगठन अल कायदा के भारत में शाखा खोले जाने के कथित वीडियो के सामने आने के बाद भारतीय मुस्लिमों ने दो टूक कहा है कि धर्मनिरपेक्ष हिंदू हमारे सहयोगी हैं, और हमें अल कायदा की जरूरत नहीं है। भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा की शाखा के निर्माण की निंदा करते हुए मौलवियों, प्रगतिशील कार्यकर्ताओं और समुदाय के नेताओं ने साफ कहा कि अल कायदा एक आतंकी संगठन है और मुसलमानों के दोस्त नहीं हो सकता।
ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना महमूद दरयावी ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा “भारत के मुसलमान भारत के संविधान में यकीन रखते हैं, जो उन्हें अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। हम आत्मनिर्भर हैं और भारतीय संविधान के ढांचे के अंतर्गत अपनी समस्याओं को हल करने में सक्षम हैं। हमें अलकायदा की जरूरत नहीं है।
कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि अल कायदा ने पहले से भारत को अपना ‘दुश्मन’ घोषित कर रखा है। प्रमुख मुस्लिम चिंतक और मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी से जुड़े हुए जावेद आनंद ने कहा कि बड़ी मुस्लिम आबादी के साथ भारत आतंकवादी संगठनों के लिए एक आदर्श लक्ष्य हो सकता है लेकिन मेला दृढ़ विश्वास है कि अलकायदा को यहां पैर जमाने की जगह नहीं मिलेगी. मुसलमानों का भारी बहुमत अलकायदा की विचारधारा को स्वीकार नहीं करते।
श्री जावेद ने आगे कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं को अलकायदा और आईएसआईएस जैसे जिहादी संगठनों की कड़ी निंदा करनी चाहिए।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक आल इंडिया मिल्ली काउंसिल के एम ए खालिद ने कहा, “अल-कायदा हमारा मित्र नहीं हो सकता। वे सच्चे मुसलमान भी नहीं हैं। उन्होंने निर्दोषों की हत्या की है। उन्होंने इस्लामके नाम पर जनसंहार कर इस्लाम को क्षति पहुंचाई है। वे हमारे युवाओं को लुभाने का प्रयास करते हैं, जिसमें वे विफल हो जाएंगे। वे मुसलमानों के दुश्मन हैं और हमें उनकी सहानुभूति की जरूरत नहीं है, ”
हालांकि मुस्लिम समुदाय के भीतर के टिप्पणीकार हैरान नहीं हैं, कि तथाकथित जिहाद के नाम पर कुछ मुस्लिम युवाओं को लुभाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वे आश्वस्त हैं कि कुछ पथभ्रष्ट युवाओं, जैसे कल्याण के 4 लड़के कथित तौर पर सीरिया में आईएसआईएस में शामिल हो गए, मुसलमान इस जिहादी कॉज़ के प्रति आकृष्ट नहीं होंगे।
उर्दू स्तंभकार हन कमाल कहते हैं, “हमारे सबसे अच्छे सहयोगी दलों धर्मनिरपेक्ष हिंदू हैं। जब भी अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय किया गया है उन्होंने हमारी लड़ाई लड़ी है। भारत में पैर जमाने के लिए अलकायदा की कोई विश्वसनीयता नहीं है।” उन्होंने भारतीय मुसलमानों खासकर मौलवियों से, आईएसआईएस और अल कायदा के खतरनाक मंसूबों के खिलाफ खुलकर बोलने की अपील की।
कमल हसन ने कहा, “अल कायदा के अपने खतरनाक आतंकी खेल में उन्हें फंसाने के षडयंत्र के खिलाफ उन्हें उठ खड़ा होना चाहिए।”
जमात ए इस्लामी (हिंद) के अब्दुल हफीज फारुकी ने कहा अलकायदा सांप्रदायिक ताकतों को भारतीय समाज में ध्रुवीकरण करने का एक और कारण उपलब्ध करा देगा। उन्होंने कहा भारतीय मुसलमानों के अलकायदा की विचारधारा से प्रभावित होने का कोई कारण मौजूद नहीं है।
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