सोमवार, 7 अप्रैल 2014

जारी है अफवाहों का कारोबार

शुरू होने से भी पहले
चुनाव प्रचार और प्रसार
साज़िशन बुनी गयी
लुड़काऊ मानसिकता
जिताऊ के पक्ष में वोट की
अब लेने लगी आकार
जैसे ध्रुवीकरण के पक्ष में
चीख रहें हों जीत और हार
कि मत करना मत बेकार
क्योंकि कह रहा अख़बार

रह गयी सिर्फ दोनों के बीच में टक्कर
तीसरी शक्ति दरकिनार
दिखा रहे टी.वी. समाचार
करने को कॉरपोरेट सपना साकार
जारी है अफवाहों का कारोबार

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अंशु शरण, लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।

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