सोमवार, 7 अप्रैल 2014

आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं माधुरी

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पहले बॉलीवुड में अभिनेत्रियों पर आधारित पटकथा नहीं लिखे जाते थे और शादी के बाद तो उनका करियर ख़त्म ही मान लिया जाता था, लेकिन अब बॉलीवुड में यह परंपरा टूट रही है. अब बॉलीवुड में महिलाओं पर आधारित पटकथा लिखी जा रही है और वे मुख्य भूमिका में काम भी कर रही हैं.

खूबसूरत और प्रतिभावान अभिनेत्री माधुरी दीक्षित इन दिनों अपनी फिल्म गुलाब गैंग को लेकर काफ़ी चर्चा में हैं. इस फिल्म में उनके साथ जूही चावला भी हैं. माधुरी ने उन लोगों के लिए एक मिशाल क़ायम की है, जिन्हें लगता है कि शादी के बाद करियर ख़त्म हो जाता है. अपनी पिछली फिल्म डेढ़ इश्किया में वह बेगमपारा बनकर रोमांस करती नज़र आई थीं, लेकिन गुलाब गैंग में वह अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करती नज़र आईं. यह फिल्म महिलाओं पर आधारित है, पर इस मुक़ाम पर पहुंचने में माधुरी को काफ़ी मेहनत और इंतज़ार करना पड़ा. शादी और दो बच्चों के जन्म के बाद जब माधुरी बॉलीवुड में लौटीं, तो ऐसा नहीं था कि बॉलीवुड ने तुरंत उन्हें अपना लिया. 1990 से 1999 तक उन्होंने दर्शकों के दिलों पर राज किया. अक्टूबर 1999 में शादी कर वह अमेरिका चली गईं. उनके दो बच्चे हैं. 2007 में वह वापस लौंटी, पर उन्हें मनमाफ़िक भूमिका वाली फिल्में नहीं मिलीं. फिर उन्होंने डांस पर आधारित एक फिल्म डायरेक्ट की आजा नच ले. इस फिल्म ने कुछ ख़ास कमाल नहीं किया. उन्होंने ख़ुद को इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिए ऐड फिल्म्स किए और रियालिटी शोज में गेस्ट भी बनीं, पर इस दौरान उन्होंने कोई फिल्म नहीं की, क्योंकि वह भाभी, मां और बहन के किरदार में ख़ुद को समेटना नहीं चाहती थीं. बॉम्बे टॉकिज और ये जवानी है दीवानी में आइटम कर उन्होंने अपना लोहा मनवा लिया. फिल्मकार भी उनसे काफ़ी प्रभावित हुए और आज वह मुख्य भूमिका में दिख रही हैं. अपने अभिनय के बल पर आज भी वह दर्शकों के दिलों पर राज कर रही हैं. महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म गुलाब गैंग में माधुरी मुख्य भूमिका में मर्दों को मात देती नज़र आईं. फिल्म में उनके किरदार का नाम रज्जो है. आस-पास हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ रज्जो आवाज़ उठाती है.

अपने लंबे करियर में माधुरी ने स़िर्फ अपने काम से मतलब रखा. कभी उनके ख़िलाफ़ मीडिया में कोई नकारात्मक ख़बर नहीं आई. उन्होंने अपनी समकालीन और छोटी अभिनेत्रियों के साथ भी सहजता से काम किया. समाज में हो रहे महिला अपराध से निपटने के लिए माधुरी महिलाओं को ख़ुद आगे आने को कहती हैं. वह कहती हैं कि जब तक आपका दृष्टिकोण नहीं बदलेगा, हालात भी नहीं बदलेगा. मां-बाप को लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग बचपन से ही देनी चाहिए. हर औरत को अपनी रक्षा को लेकर सजग रहना चाहिए. लड़कियां पेपर स्प्रे साथ रखें. अपने आस-पास के लोगों को लेकर हमेशा अवेयर रहें.


समवन स्पेशल के इंतज़ार में सोनम
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फैशनेबल सोनम को अब यह एहसास हो गया है कि स़िर्फ फैशन से काम चलने वाला नहीं है, बल्कि अच्छी अभिनेत्रियों में शुमार होने के लिए उम्दा अभिनय भी ज़रूरी है. इसीलिए वह अब कहती हैं कि उनके फैशनपरस्त होने की तारीफ़ उन्हें अच्छा तो लगता है, लेकिन यह तभी उन्हें संतुष्टि देता है, जब वह अच्छा अभिनय भी करती हैं. रांझना के बाद से उनकी गिनती अच्छी अभिनेत्री के रूप में भी होने लगी है. वह कहती हैं कि फैशन स्टेटमेंट उनकी पहचान है और वह इससे खुश हैं, लेकिन स़िर्फ फैशन के भरोसे अपनी इमेज बना पाना तो पॉसिबल नहीं है. वह अपने ड्रीम ब्वॉय के बारे में कहती हैं कि मेरा ड्रीम ब्वॉय एक ऐसा लड़का है, जो दिल का साफ़ हो. वह नेचर का अच्छा हो और उसमें कुछ ख़ास बात हो, जो उसे आम लड़कों से अलग करे. तभी मैं उसे पसंद कर पाऊंगी. वैसे, मुझे थोड़े रिबेलियन नेचर के लड़के पसंद हैं. सोनम कहती हैं कि अभी शादी का उनका दूर-दूर तक प्लान नहीं है, लेकिन उन्हें शादी में पूरा भरोसा है. वह अपने पापा-मम्मी को आदर्श कपल मानती हैं. वह एक सच्चा जीवनसाथी चाहती हैं.


हाइवे की सफलता से खुश हैं रणदीप
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एक वक्त था जब रणदीप हुड्डा को सुष्मिता सेन के ब्वॉयफ्रेंड के रूप में पहचाना जाता था, लेकिन अब रणदीप को एक अच्छे अभिनेता के रूप में पहचान मिलने लगी है. हाल ही में वह इम्तियाज अली की फिल्म में आलिया भट्ट के साथ नज़र आए. इम्तियाज  सफलता का पर्याय माने जाते हैं. उनकी फिल्म हाईवे में रणदीप और आलिया के अभिनय को भी सराहा गया. रणदीप कहते हैं कि दरअसल शुरुआत में उन्होंने ग़लती की. उन्होंने कुछ ऐसी फिल्में कीं, जो उन्हें नहीं करनी चाहिए थी. शुरू में वह काम को लेकर एक्सपेरिमेंटल थे और उन्होंने कुछ ऐसी फिल्में कीं, जो रिलीज ही नहीं हुईं, लेकिन ़वे गलतियों से सिख कर आगे ब़ढ जाने में यकीन करते हैं. हाइवे के बारे में वह बताते हैं कि उन्होंने इतना ट्रैवल पहले कभी नहीं किया, जितना इस फिल्म की शूटिंग के दौरान किया. ढाई हज़ार किलोमीटर की ट्रैवलिंग अपने आप में बहुत अलग तरह का अनुभव है.  नई जगह, खान- पान, रहन-सहन, सब कुछ नया था. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और कश्मीर सभी जगह के लोगों के बारे में काफ़ी कुछ नया देखने को मिला. उनका किरदार ग़रीब गुर्जर लड़के  का था. वहीं आलिया रईस और पॉवरफुल परिवार की लड़की के किरदार में थीं. इस किरदार मे जीवंतता लाने के लिए वह कई दिनों तक धूप में लेटे, दाढ़ी नहीं बनाई, बाल धोने बंद कर दिए और स्किन पर किसी भी तरह की क्रीम लगानी बंद कर दी. इम्तियाज और वे गुर्जरों के बीच जाकर भी रहे. उन्होंने आलिया से भी शूटिंग के दौरान एक निश्‍चित दूरी बना कर रखी, ताकी वह स्क्रीन पर भी फर्क महसूस करें.


साउथ की फिल्में नहीं छा़ेडेंगी यामी
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हाल में यामी गौतम पाकिस्तान और भारत के रिश्तों पर आधारित फिल्म टोटल स्यापा में नज़र आईं. इस फिल्म में उनके अपोजिट थे अली जफ़र. 2012 में विकी डोनर के बाद यह यामी की दूसरी फिल्म है. वह बॉलीवुड फिल्मों में कम नज़र आती हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास फिल्मों की कमी है. वह एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं और वह कई भाषाओं में एक साथ फिल्में कर रही हैं. जी हां वह मलयालम, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में साथ-साथ काम कर रही हैं. वह कहती हैं कि जब सुजीत सरकार ने उन्हें विकी डोनर का ऑफर दिया, उस समय वह तमिल और तेलुगू की दो फिल्में कर रही थीं. उन्हें पूरा करने के बाद ही उन्होंने विकी डोनर के लिए डेट्स दीं. इस दौरान उन्होंने साउथ की कोई फिल्म साइन नहीं की और विकी डोनर के बाद वह फिर से साउथ की फिल्मों में व्यस्त हो गईं. विकी डोनर से पहले उनकी साउथ की दो फिल्में सिल्वर जुबली रहीं. फिर उन्हें टोटल स्यापा का ऑफर मिला. इस फिल्म में उनका किरदार पंजाबी लड़की का था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया, क्योंकि वह पंजाबी फैमिली से ही हैं. वह कहती हैं कि साउथ की फिल्में छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है, क्योंकि वहां उन्हें अच्छे किरदार और पैसा दोनों मिल रहा है. हालांकि वह यह भी कहती हैं कि उन्हें बॉलीवुड में ज़्यादा फिल्में मिलने लगेंगी तो वह साउथ की फिल्में छो़ड देंगी. यामी ने लॉ में ग्रेजुएशन किया है और उनका सपना आईएएस अफसर बनने का था, पर बाद में उनका रुझान अभिनय की तरफ़ ब़ढ गया. यामी का एक और सपना है अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का. हॉलीवुड फिल्मों में टाइटेनिक उनकी फेवरेट है और बॉलीवुड में मुगल-ए-आजम और आमिर-सलमान की अंदाज़ अपना-अपना. बॉलीवुड में उनके फेवरेट डायरेक्टर इम्तियाज अली हैं और उनके साथ काम करने को वह काफ़ी बेक़रार हैं.

चौथी दुनिया
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