सोमवार, 23 सितंबर 2013

एक से शून्य

निर्मल-आनन्द: एक से शून्य: मूल संख्याएं सिर्फ तीन हैं। एक दो और तीन। बाकी सारी संख्याएं इनका विस्तार हैं। पहले कुछ नहीं था। केवल शून्य। ख़ालीपन। ख़ला। फिर उस ख़ला म...

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