यह ब्लॉग विश्व के तमाम बुधिजीविओ के विचारो को संजोने का प्रयास करने की कोशिस है
सोमवार, 23 सितंबर 2013
बार-बार कहना पड़ता है..
निर्मल-आनन्द: बार-बार कहना पड़ता है..: जो बात झूठ है वो बार-बार कहनी पड़ती है। दोहरानी पड़ती है। क्योंकि किसी को यक़ीन नहीं होता। हत्यारा बार-बार कहता है- मैंने ख़ून नहीं किया।...
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