बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

शिवराज व्यापम घोटाले की सिबीआई जाँच से डरते क्यों है ?

2014-02-17 12:34 AM को रवि नाईक उवाच पर प्रकाशित

यदि वे इतने ही ईमानदार है और प्रदेश के नोजवानो का भला चाहते है तो करवाए सीबीआई जांच,  होने दे दूध का दूध पानी का पानी 

खुद की  ईमानदारी का ढोल पीटने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह,अपनी ही नाक के नीचे हुए व्यापम महाघोटाले की जाँच सीबीआई से करने से क्यों डरते है ? आखिर क्या कारण है की बार बार मांग के बावजूद वे सीबीआई जाँच से कतरा रहे है।
 
सच्चाई ये है की 14 जनवरी 2014 को विधानसभा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान ने जब खुद स्वीकार किया है  की, व्यापम घोटाले में  1000 लोगो के फर्जी नियुक्तिया हुई है। तो साफ़ हो गया की मामला कितना गंभीर है। इसका मतलब ये भी निकलता है की, मुख्यमंत्री  शिवराज चोहान को उन 1 हजार लोगो की जानकारी है ,जिनको इस  घोटाले से फायदा हुआ है। क्या मुख्यमंत्री इस घोटाले से जुडी जानकारी परदेश कि जनता से छिपा रहे है , या फिर किसकी बचाने कि कोशीश   कि जा रही है ,तो क्या शिवराज इसलिए सीबीआई जाँच नही करवा रहे है की, उनके भी इसमें फसने की संभावना है ???

इस महाघोटाले की चपेट में करीब 30 लाख युवा आ गये हैं, पुलिस,टायपिंग,संविदा शिक्षक जेसी व्यापम द्वारा ली गयी 52 प्रतियोगी परीक्षाए संदेह के दायरे में आ चुकी है। जिनमे 1 लाख 47 हजार विखाद्यार्थीयो का चयन हो चूका है । प्रदेश सरकार ने बाकायदा इन परिक्षाओ के लिए फ़ीस भी वसूली है। संविदा वर्ग-1,2,3 के  18 लाख परीक्षार्थीयो से  ही 107 करोड़ रूपये राज्य सरकार ने फ़ीस के नाम पर वसूले है ।

 राज्य ओपन बोर्ड के 21 हजार, संसकृत बोर्ड के एक हजार से ज्यादा परीक्षारथी भी जाँच के दायरे आगये है अनुमान  के मुताबिक 2004 से होरहे इस घोटाले की खास बात ये है की इसके द्वारा नकली डॉक्टर भी बन गये है ।पी  एम् टी परीक्षा में  किये फर्जीवाडे से अबतक 980 लोगो को ग़लत तरीके से करोड़ो रूपये लेकर मेडिकल कालेजो में प्रवेश दिया गया। जिसमे से करीब 700 लोग डाक्टरी की डिग्री भी कम्प्लीट कर चुके है। एक एक सीट के लिए करोड़ो रूपये का लेनदेन हुआ है  शिवराज के भयभीत होने क एक कारण यह  भी नजर आता  है की इस फर्जीवाडे में उनके नजदीकी लोगो के अलावा उनकी केबिनेट के एक पूर्व मंत्री, 2 वर्तमान मंत्रीयो सहित कई आईएएस,आईपीएस व्यापम के बड़े अफसर भी शामिल है। इस महा घोटाले में जंहा अयोग्य लोगो का चयन होगया है, बल्कि हजारो करोड़ रुपयों की घुस भी ली गयी है, इससे   य़ह मामला सीबीआई  के साथ साथ आयकर विभाग अन्य विभागो की जाँच का भी बनता है।   यदि इस मामले कि सीबीआई  द्वारा निस्पक्ष जाँच हो जाये तो , शिवराज सरकर को सत्ता से बेदखल  भी होना पद सकत है शायद इस डर  से म. प्र।  के  मुख्यमंत्री सीबीआई  जाँच नहीं करवाना चाहते है । 

पुष्पेंद्र आल्बे

लेखक/रचनाकार: पुष्पेंद्र आल्बे

मोबाइल: 098269 10022 पढ़ाई में अव्वल, खूब कीर्तिमान बनाएं, तोड़े, रसायन शास्त्र से स्नातकोत्तर भी किया, लेकिन युवावस्था में कदम रखने के साथ ही लग गया कि ग्यारह से पांच की सरकारी नौकरी करना अपने बस की बात नहीं। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के बचपन से ही प्रषंसक, सो क्रिकेट के ऊपर लिखना हमेषा ही दिल को भाया। क्रिकेट के साथ ही बॉलीवुड के क्लासिक दिग्गजों-संजीव कुमार, गुलजार साहब जैसो की फिल्में देख-देखकर इसकी भी समझ आ गई। दैनिक जागरण से टेªनी रिपोर्टर के तौर पर काम शुरू किया, फिर गृहनगर छोड़कर मप्र की व्यावसायिक राजधानी इन्दौर में किस्मत आजमाने आ गए। प्रिंट मीडिया से अलग हटकर कुछ करने की चाह हुई, तो खबर इंडिया की नींव रखी। कुछ ही समय में खबर इंडिया इंटरनेट बिरादरी की कुछेक चुनिंदा पोर्टलों में शामिल हो गई है....लेकिन यह तो बस शुरूआत भर है....अभी आगे बहूत दूर जाना है....

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