संवेदनशील मुद्दों पर युवाओं के लेख भी हों 30 नवम्बर को ‘महिला यौन उत्पीड़न’ पर हस्तक्षेप संस्करण पढ़ने को मिला। इसमें लेखकों ने अपने-अपने तरीके से यौन उत्पीड़न के मामलों को उठाया है। लगभग सभी लेख तहलका के संपादक तरुण तेजपाल को केंद्रित करके लिखे गए हैं। कार्यस्थल के माहौल के सुधार पर ज्यादा जोर दिया गया है। मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकार अधिकतर नाबालिग व युवतियां ही होती हैं, तो यदि इस तरह के मुद्दों पर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं के विचार भी हों तो निश्चित रूप से यह पाठकों को पसंद आएगा। कार्यस्थल ही क्यों आज के हालात में महिलाएं कहीं पर भी अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं। यहां तक कि घर पर भी नहीं। कितने मामले ऐसे सामने आते हैं कि सगे-संबंधी ही महिलाओं का यौन शोषण करते रहते हैं। स्थिति यह है कि जिन लोगों पर महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे ही उनके लिए खतरा बने हुए हैं। कहीं शिक्षक तो कहीं रिश्तेदार और कहीं पर बॉस। कहना गलत न होगा कि बाड़ ही फसल खाने लगी है। इस मुद्दे पर उस उम्र के युवा ज्यादा अच्छे विचार दे सकते हैं, जिनके साथ इस तरह की घिनौनी हरकतें होती हैं। संस्करण में शहर में होने वाले यौन उत्पीड़न को ज्यादा केंद्रित किया गया है, पर गांवदे हात में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। गांव-देहात में हो रहे यौन शोषण पर ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवाओं के विचार लिए जाएं तो संस्करण में काफी तालमेल आएगा। यौन उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मुद्दों पर लेखकों को राय देकर ऐसे लेख लिखवाए जाएं कि पाठकों को एक अच्छा मैसेज जाए और जो लोग ऐसे घिनौने अपराधों में लिप्त हैं, उनमें डर पैदा हो और वे इनसे बचें। उनमें समाज व कानून का डर हो। यौन उत्पीड़न से जुड़े समाज के माथे पर ऐसे बदनुमा दाग वाले लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि यदि पेड़ अपनी जड़ छोड़ देगा तो उसका गिरना तय है और यही बात हमारे सामाजिक ढांचे पर भी पूरी तरह लागू होती है। वैभव राजपूत, नोएडा
हस्तक्षेप के विचारशील पाठकों की प्रतिक्रियाएं आमंत्रित हैं। वे पूर्व की तरह हस्तक्षेप में प्रकाशित होने वाली सामग्री की प्रासंगिकता पर अपनी राय देने के साथ-साथ आयोजित मुद्दों व सवालों पर बहस में भी दखल दे सकते हैं। हालांकि सीमित स्पेस और उसमें सभी पाठकों की राय का आदर करने की हमारी भावना को देखते हुए आपसे अनुरोध है कि प्रतिक्रियाएं दस पंक्तियों से ज्यादा न दें । इसके लिए आप हमारे मेल आईडी का प्रयोग कर सकते हैं।
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रविवार, 8 दिसंबर 2013
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