लोकसभा चुनाव के बाद देश की राजनीति में सपा की अहम भूमिका होगी- अखिलेश यादव
मौसम खराब होने के बावजूद रैली में भारी संख्या में पहुँचे लोग
- राधे कृष्ण
गोरखपुर, 15 फरवरी। एक कहावत है- आप कुदरत को बदल नहीं सकते हो, लेकिन अगर बुलंद इरादों के साथ आगे बढ़ोगे तो कुदरत आपके पक्ष में जरूर हो सकती है। यह कहावत आज मानबेला के मैदान में सच साबित हुयी। पिछले दो दिनों से मौसम जिस तरह से रंग बदल रहा था उससे समाजवादी पार्टी के नेताओं के चेहरे पर देश बचाओ-देश बनाओ महारैली को लेकर भारी चिंता दिख रही थी। उन्हें लग रहा था कि पता नहीं खराब मौसम की वजह से रैली होगी या नहीं…। लेकिन आज खराब मौसम के बावजूद रैली हुयी और वह पूरी तरह सफल रही।
मौसम खराब होने के बावजूद जिस तरह सपा की रैली में भारी संख्या में लोग पहुँचे थे उससे सपा नेताओं के चेहरे खिले हुये थे। पूरा मानबेला मैदान खचाखच भरा हुआ था। इसी मानबेला के मैदान पर गत 23 जनवरी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रैली की थी। आज की उससे ज्यादा भीड़ बताई गयी। अपनी रैली में मोदी ने मुलायम सिंह यादव को चुनौती देते हुये कहा था कि उत्तर प्रदेश को गुजरात जैसा बनाने के लिये 56 इंच का सीनाचाहिए। समाजवादी पार्टी की यह सातवीं देश बचाओ-देश बनाओ रैली थी। इससे पहले सपा आजमगढ़, बरेली, झांसी, वाराणसी, गोंडा और सहारनपुर में रैलियाँ कर चुकी है।
मौसम खराब होने की वजह से करीब ढाई घंटे की देरी से रैली में पहुँचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है। उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा के अलावा कोई और दल लड़ाई में नहीं है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ही सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ रही है। काँग्रेस और भाजपा के बीच मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुये श्री यादव ने संसद में हुयी शर्मनाक घटना के लिये दोनों दलों को जिम्मेदार ठहराया।
सपा प्रमुख ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है। उत्तर प्रदेश में दूसरा कोई और दल लड़ाई में नहीं है। काँग्रेस और बहुजन समाज पार्टी पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि सपा के अलावा कोई और दल सांप्रदायिक शक्तियों से नहीं लड़ रहा है। समाजवादी पार्टी ही भाजपा को रोक सकती है।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैलियों में करोड़ो रूपए खर्च हो रहे हैं। मोदी की रैलियों में लोग ढोकर लाये जाते हैं जबकि सपा की रैलियों में लोग खुद चलकर आते हैं। उन्होंने कहा कि काँग्रेस और भाजपा आपस में मिली हुयी हैं। संसद में हुये शर्मनाक मिर्च कांड के लिये यही दोनों दल जिम्मेदार हैं। इन दोनों पार्टियों ने मिलकर ऐसी परिस्थितियाँ पैदा कीं जिससे यह शर्मनाक घटना हुयी। उन्होंने कहा कि काँग्रेस ने हमेशा बँटवारे की राजनीति की है। आंध्र प्रदेश के लोग बंटवारा नहीं चाहते लेकिन काँग्रेस अपने राजनीतिक लाभ के लिये आंध्र प्रदेश को बाँटने पर तुली हुयी है। सपा ने हमेशा राज्यों के विभाजन का विरोध किया है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि कुछ लोग जब देखो तब सपा सरकार की बर्खास्तगी की ही माँग करते रहते हैं क्योंकि इन लोगों का कोई वजूद नहीं बचा है। इन्हें चुप कराने के लिये केन्द्र में सपा की मजबूती जरूरी है क्योंकि केन्द्र यदि कलेक्टर है तो राज्य सरकारें पटवारियों की तरह होती हैं। उन्होंने पूर्वांचल को विशेष मदद दिये जाने की माँग की।
सपा मुखिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आहवान किया कि केन्द्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये आज से बेहतर मौका कभी नहीं मिलेगा क्योंकि काँग्रेस और भाजपा दोनों को लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिलेगा और उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 80 सीटें हैं। इसमें यदि 50 से अधिक सीट सपा जीतने में कामयाब रही तो सरकार में उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। तीसरे मोर्चे के संभावित अन्य घटकों के राज्यों में सीटें इतनी कम हैं कि वे यदि सभी जीत लेते हैं तब भी सपा के बराबर नहीं पहुँच सकते।
सपा प्रमुख ने कहा कि तीसरे मोर्चे के संभावित घटक पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में प्रभाव रखते हैं। वहाँ वे सभी सीटें जीत लें फिर भी उनके पास सपा से बेहतर मौका नहीं है क्योंकि यहाँ 80 सीटें हैं जबकि अन्य राज्यों में इससे काफी कम। उन्होंने कहा कि नौजवानों के समक्ष सपा को केन्द्र की सत्ता में लाने की चुनौती है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि नौजवान इस चुनौती को अच्छी तरह निभायेंगे।
खराब मौसम की वजह से सपा प्रमुख जल्दी-जल्दी बोले। उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद रैली में लोग बधाई के पात्र हैं। सपा प्रमुख ने काँग्रेस को महँगाई, भ्रष्टाचार और घोटालों के लिये सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और कहा कि काँग्रेस ने इसके अलावा और कुछ किया ही नहीं। भ्रष्टाचार के कारण ही देश में पर्याप्त मात्रा में चीनी होने के बावजूद विदेश से इसे आयात किया गया। जिसका सीधा प्रभाव गन्ना किसानों पर पड़ा। यूपीए सरकार को देश की जनता महँगाई, भ्रष्टाचार और घोटालों के लिये याद रखेगी। महँगाई की वजह से आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। उसे दो वक्त भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के काम-काज की जमकर तारीफ की और कहा कि समाजवादी पार्टी की नीति किसानों और नौजवानों को कमजोर नहीं करने की है। इसी नीति पर सरकार काम कर रही है। देश में किसानों और मुसलमानों की हालत सबसे ज्यादा खराब है जबकि यही लोग देश को आगे आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना कहा कि उन्हें बड़ी रैली करने की चुनौती दी गयी थी। हमने जब बड़ी रैलियाँ करके दिखा दीं तो हमें विकास के मुद्दे पर चुनौती दी गयी। सपा सरकार की उपलब्धियों को उनके सामने रखकर उन्हें बता दिया कि हमारी सरकार उनकी सरकार से बहुत अच्छा काम कर रही है। हमारी सरकार ने जनता के हित में बहुत काम किये हैं।
सपा सरकार ने किसानों के लिये नहरों और सरकारी ट्यूबवेलों से सिंचाई मुफ्त कर दी है। किसानों के कर्जे माफ करने के साथ ही यह नियम बना दिया गया है कि किसी भी कीमत पर किसान की जमीन नीलाम नहीं होने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटर पास छात्र-छात्राओं को लैपटॉप देकर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में बराबरी का मौका दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद से विकास के बहुत सारे कार्य हुये हैं। वह विकास के माध्यम से जनता का पैसा जनता को लौटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव देश के लिये बहुत महत्तवपूर्ण है। इसके बाद देश की राजनीति में समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख मुलायम सिंह यादव की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता से जो वायदे किये थे उनमें से ज्यादातर वायदों को पूरा किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री कहा कि गोरखपुर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में जानलेवा बीमारी मस्तिष्क ज्वर से हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है। उनकी सरकार इस बीमारी के साथ ही अन्य रोगों पर काबू पाने के लिये काम कर रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सपा सरकार ने जनता को महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इस क्षेत्र में 14 संसदीय सीटें हैं जिसमें से केवल तीन सीटें ही सपा के पास हैं। इस क्षेत्र में सपा अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिनाकर अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहती है।
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
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