काले धन को वापस ले आने के नाम पर राजनीति करने वालों को अंबानी का काला धन नहीं दिख रहा गैस मूल्य वृद्धि से आम आदमी की जिदंगी मुश्किल हो जाएगी -
अंबानी के दबाव में गैस मूल्य दोगुना करने के निर्णय के खिलाफ टैंपो स्टैंड मुंशी पुलिया चौराहा इंदिरा नगर, लखनऊ पर जनहस्ताक्षर अभियान चलाया
लखनऊ, 15 मई 2014। आगामी 17 मई को गैस मूल्यों में होने वाली वृद्धि के खिलाफ नागरिक परिषद ने टैंपो स्टैंड मुंशी पुलिया चैराहा इंदिरा नगर पर जनहस्ताक्षर अभियान चलाया। नागरिक परिषद व विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पर्चों और स्टीकर के माध्यम से जनजागरुकता की।
आंदोलन का समर्थन करते हुए जन संस्कृति मंच के महासचिव कौशल किशोर ने कहा कि गैस-तेल जनता का है इसके मालिक कैसे कोई अंबानी हो सकते हंै, जिसका मुख्य मकसद मुनाफा कमाना है। सरकार अंबानी के खातों की जांच कराए कि उसने किस तरह से मुनाफाखोरी की है। सरकारें जिस तरह से अंबानी जैसे मुनाफा का कारोबार करने वालों के दबाव में जनविरोधी निर्णय ले रही हैं उससे स्पष्ट है कि सरकार और अंबानी में सांठ-गांठ है। तो वहीं वरिष्ठ लेखक भगवान स्वरुप कटियार ने कहा कि गैस का दाम बढ़ाने की मांग ओएनजीसी या अन्य पब्लिक सेक्टर की कंपनियां नहीं कर रही हैं, यह मांग रिलायंस की है। अगर रिलायंस को गैस निकालने में महगां पड़ रहा है तो आसान सा तरीका है कि उसे गैस निकालने का काम छोड़ देना चाहिए। क्योंकि अगर पब्लिक सेक्टर की किसी कंपनी को कोई दिक्कत नहीं आ रही है तो इससे स्पष्ट है कि अंबानी गैस का दाम बढ़वाकर देश को ब्लैक मेल करना चाहते हैं। अंबानी का यह कृत्य आतंक की श्रेणी में आता है क्योंकि उनकी इस हठ धर्मिता से जनता में त्राहि-त्राहि पहले से ही है और अब वे जनता से उसका निवाला भी छीनने की तैयारी कर रहे हैं।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि देश में काले धन को वापस ले आने के नाम पर राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों को अंबानी का काला धन नहीं दिख रहा क्या। जिसने गैस मूल्यों में पहले से वृद्धि कर देश की गरीब जनता को और गरीब बना दिया है। उन्होंने कहा कि जिस देश में जनता प्रति दिन 13 रुपए से कम पर जीवन जीने की जद्दोहद कर रही हो उस देश की सरकार अगर अंबानी के दबाव गैस का दाम दोगुना करती है तो यह सरकार द्वारा अपने नागरिकों पर हिंसा है, जो कोई लोकतांत्रिक सरकार नहीं कर सकती है।
गोरखपुर टैम्पो-टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष देवेन्द्र चन्द्र रायजादा ने गैस मूल्य वृद्धि के खिलाफ चल रहे नागरिक आदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि जिस तरीके से गैस मूल्यों को सरकार सीधे दोगुना करने का निर्णय लिया है उससे स्पष्ट है कि सरकार हम आटो रिक्शा वालों के प्रति नहीं बल्कि अंबानी जैसों के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि गैस मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन चलाया जाएगा। हस्ताक्षर अभियान के दौरान टैम्पो चालक सुभाष शर्मा ने कहा कि पहले से ही गैस के बढ़े मूल्यों की वजह से हमारा जीना दूभर हो गया है। पहले सरकार ने हमें कोई रोजगार नहीं दिया और अब हमारे खुद के बनाए रोजगार को छीनना चाहती है। सरकार को हमारी चिंता नहीं है कि हमारे घरों में चूल्हा जलता है कि नहीं पर अंबानी की चिंता ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सरकार और संसद हमारी है या अंबानी की उसे बताना चाहिए।
सामाजिक कार्यकता अरुणा सिंह और ज्योति राय ने कहा कि शहरों में जो प्रवासी मजदूर हैं उनका भोजन बाजार से मिलने वाली गैसों पर निर्भर है। ऐसे में अगर दाम बढ़ाया जाएगा तो इन प्रवासी मजूदरों के सामने कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। तो वहीं छोटे-छोट चाय-रेस्टोरेंट वालों का रोजगार छिन जाएगा, क्योंकि गैस मूल्यों में हो रही दोगुना वृद्धि के बाद जो चाय 5 रुपए से अधिक पहले से ही है उसका दाम 10 रुपए से अधिक हो जाएगा। कौन आम आदमी इस बढ़ी कीमतों को स्वीकार कर पाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार 12 सिलेण्डर की सीमा समाप्त करे।
आज के अभियान में डा0 नरेश कुमार, अजीजुल हसन, कल्पना पाण्डे, मंदाकिनी, किरन सिंह, शालिनी, अरुणा सिंह, मोहम्मद शुएब, इंडियन नेशनल लीग नेता फहीम सिद्दिकी, केके शुक्ला, ज्योती राय, रीतेश चन्द्रा, लता राय, रोहित कुमार, सत्येन्द्र कुमार, महेश देवा, रीता सिंह, अखिलेश सक्सेना, राम कृष्ण, वीरेन्द्र त्रिपाठी और राजीव यादव आदि शामिल रहे।
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