बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

मोदी पर हो रहे करोड़ो खर्च , चुनाव बाद जनता से होगी वसुली

2014-02-15 08:15 PM को रवि नाईक उवाच पर प्रकाशित

करोडो  अरबो रूपये खर्च कर मोदी  आम चुनाव में जा रहे है चुनाव बाद इस बहुत भरी रकम कि भरपाई वो कहा से करेंगे कही  उनके द्वारा खुद पर किये जा रहे इस प्रकार के खर्च कि भरपाई में देश कि आम जनता न पीस जाये इस समय यह सबसे बड़ी आशंका है । नरेंद्र मोदी को  पिछले कई वर्षो से प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करने के लिए भाजपा ने पानी कि तरह पैसा  बहाया हे मोदी कि इमेज चमकाने के लिए बाकायदा  हिंदुस्तान और विदेशो में   पि आर एजेंसियो से  बड़े बड़े कांट्रेक्ट किये गए है ताकि देश विदेश में मोदी कि चमक  बन सके । 

इसी प्रकार चाहे मोदी कि चाय पार्टी हो या उनकी रैलीया सब के ऊपर  लाखो करोडो रूपये पानी कि तरह बहाये जा रहे है और ये सिलसिला पिछले कई वर्षो से अनवरत चल रहा है | 

बताया  जाता है कि जिस स्थान पर मोदी कि रैली निर्धारित होती है वहा  पर करीब दो माह पूर्व से ही इसकी तैयारिया शुरु हो जाती है , उस पुरे क्षेत्र  में  रैली के पूर्व ही लाखो रूपये  बैनर पोस्टर  विज्ञापन  पर खर्च कर दिया जाता है |  भीड़ इकठ्ठी करने के लिए भी ढेरो वाहनो यहाँ तक कि रेल गाडियो को भी बुक किया जाता है बड़े बड़े एल सी डी  स्क्रीन और मिडिया मेंजेंट पर भी भारी रकम खर्च कि जाती है , जिससे  कि चंद हजार लोगो कि भीड़ को लाखो कि भीड़ के रूप में प्रचारित किया जाता है । 

मोदी सोशल मिडिया पर भी अपनी छवि सुधरने के लिए बड़ी भारी रकम खर्च रहे है ,ताकि नई पीडी उनकी धाक जमी रहे । 
पि एम् इन वेटिंग  नरेंद्र मोदी खुद भी पुरे ताम झाम के साथ हेलीकाप्टर से दौरा करते है , मोदी कि एक -एक रैली पर भाजपा ने कई -कई करोड़ रूपये खर्च किये है ,ऐसे  ही जबरजस्त खर्च उनकी चाय पार्टी और अन्य आयोजनो में भी किया जा रहा है । 

इस भारी तामझाम के बिच यह सवाल उठना लाज़मी है कि  आखिर यह रुपया कहा से आरहा है ?
कौन खर्च कर रहा है ?

और क्यों खर्च कर रहा है ?इससे  किन लोगो को फायदा हों रहा हे ? या भविष्य में  फायदा मिलने कि सम्भावना है ? और क्या इस प्रकार हो रहे बेहिसाब  खर्च कि वसूली चुनाव बाद आम जनता के ऊपर टेक्स या अन्य प्रकार से कि जायेगी ?इस प्रकार कि चर्चा अब आम लोगो में होने लगी है ,लोग आपस में इस विषय पर  बहस करते कही भी नजर  आते है । ये  ऐसे सवाल  है जिसका जवाब भारतीय जनता पार्टी को देना ही होगा , उसे  आज नहीं तो कल देश कि जनता को ये बताना ही पड़ेगा कि कैसे  इवेंट मेनेजमेंट कम्पनियो , पब्लिक  रिलेशन  एजेंसियो ,मिडिया मेनेजमेंट पर लाखो करोड़ रुपय खर्च किये जा रहे है  इसके स्रोतो कि जानकारी भी जनता  बताना होगी | 

यहाँ सवाल यह भी उठता है कि  मोदी कि  खुद कि मौलिक प्रतिभा कहा है जबकि उनका हर कदम प्रायोजित नजर आता है उनके द्वारा हायर किये हुवे इवेंट मैनजरों के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशो को ही वो  पालन करते  बनी बनाए स्क्रिप्ट पर मोदी  चल रहे है इस तरीके से  अपनी  इमेज को  बनाने के लिए  पिछले कई वर्षो में उन्होंने करोडो अरबो रूपये खर्च किया जा चूका है । एक सवाल यह भी पूछा जारहा हे कि मोदी के पीछे गुजरती उद्योग पतियो कि लाबी काम कर रही  है यदि इस तथ्य  में जरा भी सच्चाई है तो आम चुनाव के बाद निश्चित तौर  पर देश कि जनता को इसका भर उठाना ही पड़ेगा । देश के आम चुनाव को व्यापारी के दृष्टिकोण से  लड़ना देश कि जनता के लिए घातक सिध्द होगा क्यों कि जो लोग आज उनके लिए धन खर्च कर रहे कल वो उसकी वसूली भी करेंगे । 
पुष्पेंद्र आल्बे

लेखक/रचनाकार: पुष्पेंद्र आल्बे

मोबाइल: 098269 10022 पढ़ाई में अव्वल, खूब कीर्तिमान बनाएं, तोड़े, रसायन शास्त्र से स्नातकोत्तर भी किया, लेकिन युवावस्था में कदम रखने के साथ ही लग गया कि ग्यारह से पांच की सरकारी नौकरी करना अपने बस की बात नहीं। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के बचपन से ही प्रषंसक, सो क्रिकेट के ऊपर लिखना हमेषा ही दिल को भाया। क्रिकेट के साथ ही बॉलीवुड के क्लासिक दिग्गजों-संजीव कुमार, गुलजार साहब जैसो की फिल्में देख-देखकर इसकी भी समझ आ गई। दैनिक जागरण से टेªनी रिपोर्टर के तौर पर काम शुरू किया, फिर गृहनगर छोड़कर मप्र की व्यावसायिक राजधानी इन्दौर में किस्मत आजमाने आ गए। प्रिंट मीडिया से अलग हटकर कुछ करने की चाह हुई, तो खबर इंडिया की नींव रखी। कुछ ही समय में खबर इंडिया इंटरनेट बिरादरी की कुछेक चुनिंदा पोर्टलों में शामिल हो गई है....लेकिन यह तो बस शुरूआत भर है....अभी आगे बहूत दूर जाना है....

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