शनिवार, 6 सितंबर 2014

अच्छे छात्र शिक्षक क्यों नहीं बनना चाहते हैं-मोदी

नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश भर के बच्‍चे को संबोधित करते हुए कहा कि जो पीढ़ियों की सोचते हैं, वे लोग इंसान बोते हैं। मोदी ने छात्रों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इस बात पर हैरानी जताई कि अच्छे छात्र शिक्षक क्यों नहीं बनना चाहते हैं।

शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में 1,000 स्कूली बच्चों से बात की और उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जबाव दिया। यहीं नहीं, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी मोदी देश भर से जुड़े और बच्चों से पूछे गए सवाल दिया। इस विशेष कार्यक्रम का देश भर के स्कूलों में टेलीविजन, रेडियो और इंटरनेट पर सीधा प्रसारण किया गया। गौरतलब है देशभर में अलग-अलग राज्यों ने पीएम के भाषण को स्कूलों में दिखाने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे, जिन स्कूलों में बिजली उपलब्ध नहीं है, वहां जनरेटर की व्यवस्था की गई है, जिन स्कूलों के पास टीवी नहीं है, उन्होंने मोदी से जुड़ने के लिए टीवी किराए पर लिए।

इसके अलावा जिन दूर दराज के इलाकों में जहां स्कूलों में टीवी की सुविधा नहीं है, वहां रेडियो पर इसका प्रसारण किया जा रहा है, जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है, वह पीएम और विद्यार्थियों की इस बातचीत को यू ट्यूब पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के चैनल तथा प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर देखा।

छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा मेरे लिए सौभाग्‍य की बात है। आज सारी दुनिया में अच्‍छे शिक्षकों की मांग है। उन्‍होंने कहा कि महापुरुषों के जीवन में शिक्षकों का बड़ा योगदान रहा है। जो पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं, वो इंसान बोते हैं। गांवों में एक समय सबसे आदरणीय शिक्षक हुआ करते थे। शिक्षकों से बच्‍चों का अपनापन होता है। हमारे देश के बच्‍चों में आगे बढ़ने का काफी सामर्थ्‍य है। बच्‍चों की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि मैं टास्क मास्टर हूं, मैं खुद भी काम करता हूं और औरों से भी काम लेता हूं। उन्‍होंने यह भी कहा कि मेरा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि लड़कियां स्कूली पढ़ाई बीच में न छोड़ें। सभी स्कूलों में शौचालय की पहल इसी प्रयास का हिस्सा है।

एक अन्‍य के सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि राजनीति को सेवा के तौर पर लेना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि आज देश में एक माहौल बनना चाहिए और इसके लिए मुझे हर स्‍कूल से मदद चाहिए। शिक्षकों को तकनीकी पर जोर देना चाहिए। छात्रों को तकनीकी से दूर रखना गुनाह है। बच्‍चों के लिए खेल कूद जरूरी है। खेल कूद के बिना जीवन खिलता नहीं है। छात्रों को टीवी की दुनिया से बाहर आना चाहिए। किताबों, टीवी के दायरे से बाहर भी जीवन है। पीएम ने कहा कि जिंदगी में परिस्थितियां किसी को रोक नहीं सकती है। जीवन में मस्‍ती भी होनी चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें