लखनऊ 7 फरवरी। अन्ना हजारे भी लोकसभा चुनाव में दखल देंगे। यह जानकारी आज हजारे की जनतंत्र यात्रा के सहयोगी किसान नेता विनोद सिंह ने दी।
अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, हजारे के ही जन लोकपाल आन्दोलन के कोख से निकली है और वह देश में एक अलग ताकत बनती नजर आ रही है। ऐसे में हजारे के मैदान में आ जाने से माहौल गर्म हो सकता है। फिलहाल हजारे कोई पार्टी नहीं बनाने जा रहे है पर वे मुद्दों के आधार पर देश के विभिन्न राज्यों में दलों और उम्मीदवारों का समर्थन कर सकते हैं।
विनोद सिंह के मुताबिक हजारे ने लोकसभा चुनाव के लिये एक आर्थिक एजेण्डा बना कर सभी दलों को भेजा था पर सिर्फ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने उस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। हजारे ने इसी वजह से ममता के नेतृत्व में नए गठजोड़ की उम्मीद जताई है।
गौरतलब है कि किसान संगठन इस चुनाव के लिये एक किसान एजेण्डा बनाने की तैयारी में है जिसकी बैठक ग्यारह फरवरी को वाराणसी में सामाजिक कार्यकर्त्ता सुनील सहस्त्रबुद्धे के लोक विद्या आन्दोलन की तरफ से बुलाई गयी है।मध्य प्रदेश किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष और हजारे की मध्य प्रदेश में हुयी जनतंत्र यात्रा के संयोजक डॉ. सुनीलमइस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेंगे और लोकसभा चुनाव के दौरान वे चार राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उतराखंड में किसान एजेण्डा को लेकर मुहिम छेड़ेंगे। इस अभियान में हरित स्वराज भी शामिल हो रहा है। इन सभी अभियान के बीच अन्ना हजारे का लोकसभा चुनाव में दखल देना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दरअसल दिल्ली छोड़ देश के विभिन्न हिस्सों में आम आदमी पार्टी और अन्ना हजारे के समर्थक काफी हद तक एक ही धारा के माने जाते हैं जो कांग्रेस के खिलाफ हैं पर भाजपा और मोदी को लेकर बँटे हुये हैं। ऐसे में हजारे और आप के बीच अगर कोई तालमेल नहीं हुआ तो वे एक दूसरे को ही नुकसान पहुँचा सकते हैं। विनोद सिंह के मुताबिक दिल्ली में हजारे ने इस अभियान की शुरुआत कर दी है और दफ्तर में काफी प्रतिभाशाली नौजवान मोर्चा सम्भालेंगे ।
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